Lustam Pokh (Hindi)
Author: Rashid Shaz
कभी वह दिन थे जब हम ध्रुव तारे से सूरज की कक्षा का कोण मालूम करते। तब रात और दिन के हर आने-जाने पर हमें अपनी पकड़ महसूस होती। आज हम कुतुब और अबदाल के जाल में फँसे अपने आप को परिस्थितियों के उथल-पुथल की दया पर पडा हुआ पाते हैं। आध्यात्मिक लोगों ने धीरे-धीरे हमारे खोजी मस्तिश्क को कुछ इस तरह प्रभावित किया कि हमने कुरआन की ‘खोज की दावत’ से मुँह मोड़कर कश्फ और मुजाहिदे को अपना उद्देश्य घोशित कर डाला। धर्म के नाम पर एक मृग मरीचिका हमारा पीछा करती रही। परिणाम यह हुआ कि वास्तविक दुनिया में हम दुनिया की कौमों पर अपनी बढ़त जारी न रख पाए। नेतृत्व करने वाली उम्मत के पद से हम पदमुक्त हो गए।
जब तक सामान्य मुसलमानों पर यह वास्तविकता नहीं खुलती कि धार्मिक जीवन के प्रचलित प्रदर्शन, आध्यात्मिक लोगों की बैअत और चमत्कार के सिलसिले वास्तव में इस्लाम नहीं बल्कि इस्लाम के इन्कार की पक्की व्यवस्थाएँ हैं, जब तक मुहम्मदी मिशन की खोज के लिए एक सामान्य बेचैनी पैदा नहीं होती, एक नयी शुरुआत की व्यवस्था कैसे हो सकती है?